पता नहीं कहा से कैसे क्या लिखूँ टोटल कंफ्यूज कुछ समझ नही आ रहा भांग खाए बन्दे जैसे हालत हो रही है ये मई का महीना और ये पसीना दोनों ने बेहाल किया हुआ है, फिर भी कलम चलने का कीड़ा रुकता नहीं लेकिन फिर ये उत्तरदायतीव लोन , rent , bills , daily expenses , ये सब मिलकर रोक देते है हाथ को। ……।
आज सोच लिया भूमिका नहीं बांधेंगे सीधे कहेंगे। ………।
सिर्फ दो बातें होंगी लोग सोचेंगे साला खुद कंफ्यूज है हमें भी बना देगा छोड़ो …… बस यही डर्र है फिर भि....... चलो शुरू करें तो मुद्दा ये है के आज कल अखबारों में, टेलीविजन में, मोबाईल में सब जगह सेक्स से जुडी बातें चाहे पोर्न मूवी हो, पोर्न पोस्टर हो, एडल्ट जोक हो, रेप हो, गॉसिप हो, एंटरटेंटमेंट हो, चाहे पॉलिटिक्स , या चाहे क्रिकेट हर जगह ग्रूमिंग, और कल्चर के नाम पर और कही नारी सशक्तिकरण के नाम पर सब जगह एक प्यारा गेम हो रहा है.…
थोड़ा सा समझा थोड़ा गेस किया थोड़ा तुक्का भेड़ा थोड़ी छानबीन कुछ छोटी मोटी पूछताछ की, तब जाके कहानी का ताना बाना बुना तो सीधे कहानी पे आते है
हर शहर की तरह एक शहर कुछ भी नाम रख लो चलो सुविधा के लिए रामनगर तो रामनगर एक उभरता शहर यहाँ के लोगो की उम्मीदे भी उभरती हुई सब के साथ कदम मिलाने वाली तो हर प्रकार की सुविधा हर प्रकार के साधन और सपन्नता वाले लोग भी है,
तो कहानी की शुरुआत एक फैशन इंस्टिट्यूट चलानेवाली हाई प्रोफाइल क्लास के मैडम की जिनका कुत्ता भी 50000 /- का होगा और महीने में मेरी तनख्वा से ज्यादा उसका खर्चा होगा तो मैडम का परिचय सबसे पहले मैडम का नाम S . D . बाद में बताऊंगा पूरा नाम मैडम पुरे टसन से रहती है शहर के पॉश इलाके में अच्छा खाशा बंगला 5 से 7 एकड़ में होगा कम से कम गाड़ी भी है कुछ दिनों पहले ली AUDI , ड्राइवर भी है, घर में एक मनमोहन सिंह सॉरी मेरा मतलब एक पूर्व प्रधानमंत्री जैसा पति भी था (यह मेरा मतलब जिसके पास सत्ता नही है से है )
एक लड़की भी है नाम भावना
आज सोच लिया भूमिका नहीं बांधेंगे सीधे कहेंगे। ………।
सिर्फ दो बातें होंगी लोग सोचेंगे साला खुद कंफ्यूज है हमें भी बना देगा छोड़ो …… बस यही डर्र है फिर भि....... चलो शुरू करें तो मुद्दा ये है के आज कल अखबारों में, टेलीविजन में, मोबाईल में सब जगह सेक्स से जुडी बातें चाहे पोर्न मूवी हो, पोर्न पोस्टर हो, एडल्ट जोक हो, रेप हो, गॉसिप हो, एंटरटेंटमेंट हो, चाहे पॉलिटिक्स , या चाहे क्रिकेट हर जगह ग्रूमिंग, और कल्चर के नाम पर और कही नारी सशक्तिकरण के नाम पर सब जगह एक प्यारा गेम हो रहा है.…
थोड़ा सा समझा थोड़ा गेस किया थोड़ा तुक्का भेड़ा थोड़ी छानबीन कुछ छोटी मोटी पूछताछ की, तब जाके कहानी का ताना बाना बुना तो सीधे कहानी पे आते है
हर शहर की तरह एक शहर कुछ भी नाम रख लो चलो सुविधा के लिए रामनगर तो रामनगर एक उभरता शहर यहाँ के लोगो की उम्मीदे भी उभरती हुई सब के साथ कदम मिलाने वाली तो हर प्रकार की सुविधा हर प्रकार के साधन और सपन्नता वाले लोग भी है,
तो कहानी की शुरुआत एक फैशन इंस्टिट्यूट चलानेवाली हाई प्रोफाइल क्लास के मैडम की जिनका कुत्ता भी 50000 /- का होगा और महीने में मेरी तनख्वा से ज्यादा उसका खर्चा होगा तो मैडम का परिचय सबसे पहले मैडम का नाम S . D . बाद में बताऊंगा पूरा नाम मैडम पुरे टसन से रहती है शहर के पॉश इलाके में अच्छा खाशा बंगला 5 से 7 एकड़ में होगा कम से कम गाड़ी भी है कुछ दिनों पहले ली AUDI , ड्राइवर भी है, घर में एक मनमोहन सिंह सॉरी मेरा मतलब एक पूर्व प्रधानमंत्री जैसा पति भी था (यह मेरा मतलब जिसके पास सत्ता नही है से है )
एक लड़की भी है नाम भावना